हम बचपन से ही सुनते आ रहे है की.
बनिया कंजूस होता है,
नाई चतुर होता है,
ब्राह्मण धर्म के नाम पर सबको बेवकूफ बनाता है,
यादव की बुद्धि कमजोर होती है,
ठाकुर अत्याचारी होते हैं,
जाट और गुर्ज्जर बेवजह लड़ने वाले होते हैं,
मारवाड़ी लालची होते हैं...
नतीजा हीन भावना, एक दूसरे की जाति पर शक और द्वेष धीरे- धीरे आपस में टकराव होना शुरू हुआ और अंतिम परिणाम हुआ कि मजबूत, कर्मयोगी और सहिष्णु हिन्दू समाज आपस में ही लड़कर कमजोर होने लगा !
आपको पूछना चाहिए था कि अत्याचारी ठाकुरो ने सभी जातियों की रक्षा के लिए हमेशा अपना खून क्यों बहाया ?
जाट और गुर्जर अगर लड़ाके नहीं होते तो आपके लिए अन का उत्पादन कौन करता सेना में भर्ती कौन होता
जैसे ही कोई किसी जाति की कोई मामूली सी भी बुरी बात करे, टोकिये और ऐतराज़ कीजिये !
एक रहे सशक्त रहें !
मिलजुल कर मजबूत भारत का निर्माण करें ।
मुझे गर्व है कि मैं एक हिंदू हूँ
मेरे टुकड़े-टुकड़े करने की कोई कोशिश न करे।
मैं हिन्दू हूँ हिन्दुस्तान का
मैं पहचान हूँ हिन्दुस्तान का।
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