नाम था कामरेड सज्जाद जहीर ...
लखनऊ में पैदा हुए .
ये मियाँ साहब ,पहले तो progressive writers association यानि अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के रहनुमा बनकर उभरे,और अपनी किताब अंगारे से इन्होने अपने लेखक होने का दावा पेश किया ...
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सज्जाद जहीर,1948 मे कलकत्ता के कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन में
मगर पाकिस्तान मे, सज्जाद जहीर, मशहूर शायर लेखक फैज अहमद फैज, शायर अहमद फराज,
जेल से रिहा होने के बाद सज्जाद जहीर भारत आया और खुद को..
अब आगे की कथा सुनिये, इन मियाँ साहब, सज्जाद जहीर और रजिया जहीर की चार बेटियाँ थी...
1- नजमा जहीर बाकर,पाकिस्तानी सज्जाद जहीर की सबसे बडी बेटी, जो कि नेहरू के
2- दूसरी बेटी नसीम भाटिया है ......
3- सज्जाद जहीर की तीसरी बेटी है ,नादिरा बब्बर जिसने फिल्म एक्टर और कांग्रेस सांसद राज बब्बर से शादी की है, इनके दो बच्चे है, आर्य बब्बर और जूही बब्बर ......
नूर जहीर ने शादी नही की और जीवन भर अविवाहित रहने के अपने फैसले पर आज भी कायम है,चूँकि नूर जहीर ने शादी ही नही की,तो बच्चो का तो सवाल ही पैदा नही होता...मगर रुकिए यहां आपको..
इन्ही नूर जहीर और ए. दासगुप्ता की दूसरी संतान है पंखुडी जहीर,अरे नहीं चौंकिये मत ....
ये वही पंखुडी जहीर है,जिसने कुछ ही वर्षो पहले दिल्ली मे संघ ऑफिस केशव कुञ्ज के सामने खुलेआम
जी हाँ,ये वही है जो कन्हैयाकुमार वाले मामले मे सबसे ज्यादा उछल कूद मचा रही थी।इसे JNU मे कन्हैयाकुमार की सबसे विश्वश्त सहयोगी माना जाता है।
खुले आम सिगरेट,शराब,और अनेको व्यसनो की शौकीन,इन जैसी लडकियाँ
और क्या है तुम्हारे संस्कार ???????
बिन ब्याही माँ की दो अलग अलग पुरूषो से उत्पन्न चार संतानो मे से एक पंखुडी जहीर जैसी औरते खुद औरतो के नाम पे जिल्लत का दाग है ....
इन्ही जैसे लोगो ने JNU की इज्जत मे चार चाँद लगा रखे है...
पाकिस्तान मे कम्युनिस्ट पार्टी आज तक 01% वोट भी नही जुटा पाये,कुल176 वोट मिलते है इन्हें
समझ मे आया ??JNU के कामरेडो का पाकिस्तान प्रेम और कश्मीर के मुद्दे पर नौटंकी करने का असली उद्देश्य ...
क्या कारण है कि ये पंखुडी दासगुप्ता ना लिखकर खुद को पंखुडी जहीर लिखती है...?
।। जय हिन्द ।।