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Most recents (24)

यदि हमारे पूर्वजों को हवाई जहाज बनाना नहीं आता, तो हमारे पास "विमान" शब्द भी नहीं होता.!

यदि हमारे पूर्वजों को Electricity की जानकारी नहीं थी, तो हमारे पास "विद्युत" शब्द भी नहीं होता।

यदि "Telephone" जैसी तकनीक प्राचीन भारत में नहीं थी तो, "दूरसंचार" शब्द हमारे पास क्यों है ?
Atom और electron की जानकारी नहीं थी तो अणु और परमाणू शब्द कहाँ से आये?

Surgery का ज्ञान नहीं था तो, "शल्य चिकितसा" शब्द कहाँ ये आया?

विमान, विद्युत, दूरसंचार, ये शब्द स्पष्ट प्रमाण है, कि ये तकनीक भी हमारे पास थी।

बिना परिभाषा के कोई शब्द अस्तित्व में रह नहीं सकता।
सौरमण्डल में नौ ग्रह है व सभी सूर्य की परिक्रमा लगा रहे है, व बह्ममाण्ड अनन्त है, ये हमारे पूर्वजों को बहुत पहले से पता था। रामचरित्र मानस में काक भुशुंडि - गरुड संवाद पढ़िये, बह्ममाण्ड का ऐसा वर्णन है, जो आज के विज्ञान को भी नहीं पता।
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#मंदिर_की_पैड़ी
बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि जबभी किसी मंदिर में दर्शन के लिए जाएं तो दर्शन करने के बाद बाहर आकर मंदिर की पेडी या ऑटले पर थोड़ी देर बैठते हैं क्या आप जानते हैं इस परंपरा का क्या कारण है?
आजकल तो लोग मंदिर की पैड़ी पर बैठकर अपने घर,व्यापार की राजनीति की चर्चा करते हैं Image
परंतु
यह प्राचीन परंपरा एक विशेष उद्देश्य के लिए बनाई गई
वास्तव में मंदिर की पैड़ी पर बैठ कर के हमें एक श्लोक बोलना चाहिए
आप इस शलोक को सुनें और आने वाली पीढ़ी को भी इसे बताएं।
यह श्लोक इस प्रकार है -
अनायासेन मरणम् ,बिना देन्येन जीवनम्।
देहान्त तव सानिध्यम्, देहि मे परमेश्वरम् ImageImage
इस श्लोक का अर्थ है-
🔱 अनायासेन मरणम्...... अर्थात बिना तकलीफ के हमारी मृत्यु हो और हम कभी भी बीमार होकर बिस्तर पर पड़े पड़े ,कष्ट उठाकर मृत्यु को प्राप्त ना हो चलते फिरते ही हमारे प्राण निकल जाएं ।
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1- इस्लाम में शौचालय से निकलने के बाद हाथ धोना जरूरी नहीं है..🤔

शौचालय से निकल कर आप यदि इबादत करने जा रहे हों, तो वुजू जरुरी है, पर यदि खाना खाने जा रहे हों, तो जरुरी नहीं है!😳

"अल्ल्लाह के पैगम्बर शौचालय से बाहर आए, उन्हें कुछ खाने को दिया गया और लोगों ने उन्हें वुजू..

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2- की याद दिलाई, पर पैगम्बर ने कहा -- क्या मुझे नमाज़ पढ़नी है, जो वुजू करुं!"(725)

क्या "भारतीय कानून" उपरोक्त (725) हदीस पढ़ने के बाद भी किसी धर्म परायण हिन्दू को एक मुस्लिम से खाने-पीने का सामान लेने को बाध्य कर सकता है..??😏

अगर कोई बाध्य करे तो उसके मुंह पर..

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3- यह पोस्ट मोबाइल समेत फेंक कर मारें!!😜😂

और गर्व से कहें..
#सनातन_धर्म_ही_सर्वश्रेष्ठ_है 💪🙏

निदा फारूकी हिमाचल वाली..📝

समाप्त, प्लीज आरटी & शेयर..🙏🙏
@Sabhapa30724463 @BablieVG
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21 dream destinations in India for every hindu.

1. Shri Kedarnath dham, Uttarakhand

@LostTemple7 Image
2. Shri Mata Vaishno Devi
Jammu and Kashmir Image
3. Shri Jagannath dham
Puri, Odisha Image
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1- सनातनी शास्त्रों में हमें लोभ और अहंकार आदि से दूर रहने की चेतावनी दी गई है..

साथ ही ये बताया गया है कि.. ये दोनों हमारे विनाश का कारण है..👌👍

यहाँ ध्यान देने योग्य बात है कि.. हमारे शास्त्र हिन्दी नहीं बल्कि संस्कृत में लिखे गए हैं..

तो, शास्त्रों में लोभ या अहंकार..
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2- शब्द नहीं बल्कि 'मोह' और "मद" शब्द लिखा गया है..🤔

इस तरह उसे सही अर्थों में पढ़ने से पता चलता है कि हमारे शास्त्र "मोह+मद" से हमें दूर रहने को बता रहे हैं और उसके बारे में चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उन्हें नहीं त्यागा तो वे तुम्हारे सर्वनाश का कारण बन सकते हैं..
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3- अब चूँकि... शास्त्र काफी पुराने हो चुके हैं और "मोह+मद" के काफी अनुयायी भी हो चुके हैं..

इसीलिए, अब शास्त्रों की उक्ति को "मोह+मद एवं उनके अनुयायियों को त्यागने" के संबंध में समझा जाना चाहिए..!!😳😜

वो क्या है न कि.. ज्ञान प्राप्त करने हेतु हर समय रात के अंधेरे में..
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#Thread
राम सेतु के 10 रोचक तथ्य!

भगवान श्रीराम ने लंका पहुंचने के लिए वानर सेना से रामसेतु बनवाया था। कहते हैं कि आज भी यह सेतु विद्यमान है परंतु राम सेतु को लेकर भारत में 'सेतुसमुद्रम परियोजना' के तहत जब इस सेतु को....

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तोड़ने का कार्य किया गया तो हिन्दुओं में इसे लेकर रोष उत्पन्न हुआ और फिर विवाद बढ़ता ही गया। हालांकि इस सेतु की काफी हद तक क्षति तो पहुंचा ही दी गई है।

आओ जानते हैं कि राम सेतु के 10 रोचक तथ्‍य।

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1. भारत के दक्षिण में धनुषकोटि तथा श्रीलंका के उत्तर पश्चिम में पम्बन के मध्य समुद्र में 48 किमी चौड़ी पट्टी के रूप में उभरे एक भू-भाग के उपग्रह से खींचे गए चित्रों को अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (नासा) ने जब 1993 में दुनिया भर में जारी किया तो..

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#हमारा_वर्ण_ओर_ध्वनि_विज्ञान ❣️☺️
अंग्रेज - अंग्रेजी के alphabets सुनाओ।
भारतीय बच्चा - D J M K Y S T Q ......
अंग्रेज - अरे मूर्ख ! क्रम से बोलो ABCDEFGH , इस तरह से ।
भारतीय बच्चा - महाशय, पहले इस क्रम का विज्ञान तो बता दीजिए ।
#सनातन_धर्म_ही_सर्वश्रेष्ठ_है
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अंग्रेज - मूर्ख बालक ! Alphabets के पीछे भी कोई विज्ञान होता है ?

भारतीय बच्चा - सुनिए ! देवनागरी वर्णक्रम ।
पहले स्वर अ आ इ ई जिनका उच्चारण स्वतंत्र रूप से हो सकता है। फिर व्यंजन जिन्हें स्वर के बिना नहीं उच्चारित किया जा सकता है।
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शब्द / ध्वनि कंठ, तालु, मूर्धा, दन्त से होती हुई ओष्ठ की ओर आती है।
तो पहले कंठव्य के पांच वर्ण, फिर तालव्य, मूर्धन्य, दन्तव्य और फिर ओष्ठव्य ।
उसके बाद दो स्थानों से निकलने वाली ध्वनि के अन्तस्थ और उष्मीय वर्ण फिर मिश्र व्यंजन।
यह तो केवल वर्णमाला का संक्षेप में
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भारत के बारे में दस ऐसी जानकारी जिन्हें पढ़कर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जायेगा
(1) जब साइंस नाम भी नहीं था तब भारत में नवग्रहों की पूजा होती थी।
(2) जब पश्चिम के लोग कपडे पहनना नहीं जानते थे, तब भारत रेशम के कपडों का व्यापार करता था।
(3) जब कहीं भ्रमण करने का कोई साधन स्कूटर मोटर साईकल, जहाज वगैरह नहीं थे। तब भारत के पास बडे बडे वायु विमान हुआ करते थे।(इसका उदाहरण आज भी अफगानिस्तान में निकला महाभारत कालीन विमान है जिसके पास जाते ही वहाँ के सैनिक गायब हो जाते हैं। जिसे देखकर आज का विज्ञान भी हैरान है)
4) जब डाक्टर्स नहीं थे। तब सहज में स्वस्थ होने की बहुत सी औषधियों का ज्ञाता था, भारत देश सौर ऊर्जा की शक्ति का ज्ञाता था भारत देश। चरक और धनवंतरी जैसे महान आयुर्वेद के आचार्य थे भारत देश में।
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#Thread
हिन्दुओं के प्राचीन 113 मंदिर

अखंड भारत की चारों दिशाओं में स्थित प्राचीन व भव्य 113 मंदिरों की लिस्ट। यदि आप आध्यात्मिक अनुभव लेना चाहते हैं तो यहां जरूर जाएं।

1. काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तरप्रदेश
2. श्रीरामनथा स्वामी मंदिर रामेश्वरम्,
तमिलनाडु

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3. श्रीजगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा
4. सूर्य मंदिर कोणार्क, ओडिशा
5. श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर तिरूअनंतपुरम, केरल
6. श्रीमहाकालेश्वर मंदिर उज्जैन, मध्यप्रदेश
7. श्रीगंगा सरस्वती मंदिर बसरा, तेलंगाना
8. एकलिंगनाथजी मंदिर, उदयपुर, राजस्थान
9. श्रीद्वारकाधीश, गुजरात

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10. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा
11. श्रीदक्षिणेश्वर मंदिर, कोलकाता
12. श्रीसिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
13. श्रीवेंकटेश्वर मंदिर, तिरूपति
14. कंधारिया महादेव मंदिर, खजुराहो
15. केदारनाथ, उत्तराखंड
16. श्रीमुरूदेश्वर स्वामी मंदिर, कर्नाटक

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16 Dhams of Maa Mahalakshmi

1. Shree Ambabai Mahalakshmi Mandir, Kolhapur, Maharashtra

@LostTemple7
2. Sri Mahalakshmi Thayar sannidhi, Chengalpattu, #Tamilnadu
3. Shree Mahalaxmi Mandir
Indore, #MadhyaPradesh
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🚩🔯 दुर्गा एक तीन आंखों वाली अंबिका, नारायणी या पार्वती हैं जो मां काली का रूप धारण करती हैं।माँ दुर्गा ब्रह्मांड की अनंत शक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाली एक शक्ति अभिव्यक्ति हैं और स्त्री की गतिशीलता और शिव की शक्ति का प्रतीक हैं।🔱🚩
माँ दुर्गा की कहानी मुख्य रूप से स्कंद (1/8)
पुराण में दिखाई देती हैजो मार्कंडेय पुराण का हिस्सा है। कहा जाता है कि दुर्गा ने अपने तीसरे नेत्र से काली को प्रक्षेपित किया था। जब देवी दुर्गा को तीन नेत्रों वाली चित्रित किया जाता है, तो उन्हें त्र्यंबके कहा जाता है। ये भगवान शिव के समान हैं और अज्ञानता को नष्ट करने वाले(2/8)
ज्ञान के प्रतीक हैं प्रतीकात्मक रूप से उसकी बायीं आंख इच्छाका प्रतिनिधित्व करती है - चंद्रमा; सही क्रिया -सूर्य और तीसरी आँख ज्ञान या अग्नि का प्रतिनिधित्व करते हैं।
शक्ति की तीसरी आँख किसी की आंतरिकदृष्टि को संदर्भित करती है। यह उच्च चेतना के आंतरिक क्षेत्रों का द्वार है।इस(3/8)
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कुछ लोग धर्म का मजाक उड़ाते हैं कुछ नास्तिक लोग कहते हैं कि भगवान है ही नहीं सारे ग्रंथ काल्पनिक है जो ब्राह्मणों ने अपने स्वार्थ के लिए लिखें तो "फिर यह क्या है"..!

यह बरगद का वह पेड़ है जो 7000 साल से आज तक ऐसा ही है इस पेड़ पर सिर्फ तीन पत्ते आते हैं जबकि बरगद का पेड़ बहुत
विशाल होता है इस पेड़ का तना आज तक 1 इंच से ज्यादा नहीं हुआ और तीन पत्ते के अलावा चौथा पत्ता नहीं आया और यह तीन पत्ते ब्रह्मा विष्णु महेश के संकेत है।

यह पेड सूरत के पास तापी नदी पर स्थित है यह महाभारत के योद्धा अंगराज कर्ण की समाधि है । अब आप सोच रहे होंगे कि युद्ध तो
कुरुक्षेत्र हरियाणा में हुआ था तो कर्ण को समाधि सूरत में क्यों दी गई। इसके पीछे कर्ण द्वारा मांगा गया वह वरदान था जिसे भगवान कृष्ण ने पूरा किया जब कर्ण ने कवच और कुंडल इंद्र को दान किए थे तब इंद्र से एक शक्ति बांण और एक वरदान मांगा था कि मैं अधर्म का साथ दे रहा हूं इसलिए
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JNU में कोई रात में चुपके से ब्राह्मण भारत छोड़ो लिख दिया।तो मैं ये पूछना चाहता हूं...
"ब्राह्मण अगर भारत छोड़ देंगे तो तुम्हारे बाप दादा का श्राद्ध कौन करवायेगा "....😂😂😂
🔥आओ विचार करें🔥

दुनिया के हर रिलीजन मे ब्राह्मण होते है , नाम उनके अलग होते है
पादरी, बिशप, पोप इसाइओ के ब्राह्मण है , मौलाना मौलवी मुसलमानों के है , बौद्धभिक्षु बौद्धों के है

हर रिलीजन के ब्राह्मण सबसे ज्यादा सम्मान प्राप्त करते है
जापान कोरिया वाले राजा भी दलाई लामा के सामने झुकते है , उनके धर्म गुरु के सामने
वैसे ही अमेरिका का राष्ट्रपति भी उनके पादरी पोप के सामने झुकते है

हर रिलीजन के ब्राह्मण दान पर निर्भर होते है , कोई मौलाना मौलवी नौकरी नहीं करता दुकान नहीं चलाता , न कोई पादरी करता है , न कोई बौद्ध वाला , सब दान दक्षिणा पर ही चलते है
जो बात हिन्दू सनातन धर्म के ब्राम्हण को
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#Thread
जयपुर राजस्थान में वर पक्ष की मांगो से आश्चर्यचकित हुआ वधु परिवार, विवाह पूर्व एक लड़के की अनोखी मांगों से लड़की वाले हैरान हैं...
लड़के की मांगों की चर्चा पूरे शहर में हो रही है।

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यह मांगें दहेज को लेकर नहीं बल्कि विवाह संपन्न कराने के तरीके और अनुचित परंपराओं को लेकर हैं !!

मांगें इस प्रकार से हैं::

1) कोई प्री वैडिंग शूट नहीं होगा.

2) दुल्हन शादी में लहंगे की बजाय साड़ी पहनेगी.

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3) मैरिज लॉन में ऊलजुलूल अश्लील कानफोड़ू संगीत की बजाय, हल्का इंस्ट्रूमेंटल संगीत बजेगा.

4) वरमाला के समय केवल दूल्हा दुल्हन ही स्टेज पर रहेंगे.

5) वरमाला के समय दूल्हे या दुल्हन को.. उठाकर उचकाने वालों को विवाह से निष्कासित कर दिया जायेगा.

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🚩#सनातन_में_विज्ञान 🚩

रात्रि के अंतिम प्रहर में एक बुझी हुई चिता की भस्म पर अघोरी ने जैसे ही आसन लगाया,
एक प्रेत ने उसकी गर्दन जकड़ ली और बोला- मैं जीवन भर विज्ञान का छात्र रहा और जीवन के उत्तरार्ध में तुम्हारे पुराणों की विचित्र कथाएं पढ़कर भ्रमित होता रहा।
यदि तुम मुझे पौराणिक कथाओं की सार्थकता नहीं समझा सके तो मैं तुम्हे भी इसी भस्म में मिला दूंगा।

अघोरी बोला-
एक कथा सुनो, रैवतक राजा की पुत्री का नाम रेवती था। वह सामान्य कद के पुरुषों से बहुत लंबी थी, राजा उसके विवाह योग्य वर खोजकर थक गये और चिंतित रहने लगे।
थक-हारकर वो योगबल के द्वारा पुत्री को लेकर ब्रह्मलोक गए। राजा जब वहां पहुंचे तब गन्धर्वों का गायन समारोह चल रहा था, राजा ने गायन समाप्त होने की प्रतीक्षा की।

गायन समाप्ति के उपरांत ब्रह्मदेव ने राजा को देखा और पूछा- कहो, कैसे आना हुआ?

राजा ने कहा- मेरी पुत्री के लिए किसी वर को
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।। सनातन धर्म ।।
• सनातन का अर्थ है शाश्वत या हमेशा बना रहने वाला अर्थात जिसका न आदि है न अन्त*।
• सनातन धर्म जीवन पद्धति है।
• सनातन धर्म विज्ञान है।
• सनातन धर्म सोच है।
• सनातन धर्म द्रष्टि है।
• सनातन धर्म मनोविज्ञान है।
• सनातन धर्म  सकारात्मकता है।
• सनातन धर्म प्रचंड ऊर्जा का स्रोत है।
• सनातन धर्म हमेशा युवा बनाये रखता है।
• सनातन धर्म प्रकृति से तालमेल है।
• सनातन धर्म सृष्टि के नियमों का पालन है।
• सनातन धर्म ही आध्यात्मिकता है।
• सनातन धर्म विकास का प्रतीक है।
• सनातन धर्म में सभी प्राणियों और मानव का कल्याण है।
• सनातन धर्म में पर्यावरण संरक्षण है।
• सनातन धर्म से प्रतिबद्धता कर्तव्यनिष्ठा संवेदनशीलता गुणों का विकास होता है।
• सनातन धर्म से जाति प्रांत भाषा पंथ के भेद खत्म हो जाते है।
• सनातन धर्म अपनाने से भष्टाचार भी खत्म हो जाएगा।
• *भारत सनातन धर्म का केन्द्र है।
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#Thread
!! लक्ष्मण रेखा !!

लक्ष्मण रेखा आप सभी जानते हैं पर इसका असली नाम शायद नहीं पता होगा। लक्ष्मण रेखा का नाम (सोमतिती विद्या है)

यह भारत की प्राचीन विद्याओ में से जिसका अंतिम प्रयोग महाभारत युद्ध में हुआ था, चलिए जानते हैं अपने प्राचीन भारतीय विद्या को....

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#सोमतिती_विद्या--#लक्ष्मण_रेखा....

महर्षि श्रृंगी कहते हैं कि एक वेदमन्त्र है - सोमंब्रही वृत्तं रत: स्वाहा वेतु सम्भव ब्रहे वाचम प्रवाणम अग्नं ब्रहे रेत: अवस्ति,,

यह वेदमंत्र कोड है उस सोमना कृतिक यंत्र का,, पृथ्वी और बृहस्पति के मध्य कहीं अंतरिक्ष में वह केंद्र है..

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जहां यंत्र को स्थित किया जाता है,, वह यंत्र जल,वायु और अग्नि के परमाणुओं को अपने अंदर सोखता है,, कोड को उल्टा कर देने पर एक खास प्रकार से अग्नि और विद्युत के परमाणुओं को वापस बाहर की तरफ धकेलता है,,

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जीवन जीने के तीन रास्ते

प्रवृत्ति मार्ग
(संसार में लिप्त होने का मार्ग)

प्रवृत्ति का मार्ग संसार की ओर जाता है। ये रास्ता आरम्भ में तो बड़ा ही सुन्दर और मनमोहक दिखाई देता है परन्तु, आगे चलकर इसमें विपत्तियों के पर्वत, दुखदाई घाटियां, और कंटीले जंगल मिलते हैं जिनमे
फंसकर प्राणी को अत्यंत कष्ट होता है। एक घडी को भी जीवन में चैन नहीं मिल पाता, फिर भी वो अपनी अवस्था से ऊपर उठने की कोशिश नहीं करता।

नई-नई इच्छाएं उसे जकड़ती जाती हैं, धन व वैभव के पीछे मतवाला होकर डोलता है, अपने शरीर के पालन-पोषण और इन्द्रियों के भोग में ही रत रहता है।
स्त्री और संतान के मोह में पड़कर पाप बटोरता और करने न करने सभी काम करता है। उसे ईश्वर का भय नहीं होता। संसार की अच्छी-बुरी घटनाओं को दिन-रात देखता है, परन्तु फिर भी उसकी विवेक की आँखें नहीं खुलती। वो एक ऐसे अंधे की तरह चला जाता है कि जिसको यह मालूम न हो कि मैं कहाँ जा रहा
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सुबुद्धि और दुर्बुद्धि
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हमारे जीवन में सद्बुद्धि की क्या आवश्यकता एवं महत्व आइये जानते हैं...

एक बार किसी ने तुलसी दास जी से पूछा- महाराज, सम्पूर्ण रामायण का सार क्या है? क्या कोई चौपाई ऐसी है जिसे हम सम्पूर्ण रामायण का सार कह सकते हैं?
तुलसी दास जी ने कहा,"
हाँ है !"...

जहां सुमति तहाँ सम्पत्ति नाना।
जहां कुमति तहाँ विपती निदाना॥,

भावार्थ:-

जहां सुमति (अच्छी बुद्धि) होती है... वहां हर प्रकार की सम्पत्ति, सुख- सुविधाएं होती हैं और...
जहां कुमति (बुरी बुद्धि) होती है... वहां विपत्ति, दुःख और कष्ट पीछा नहीं छोड़ते...
सुमति थी अयोध्या में...भाई-भाई में प्रेम था, पिता और पुत्र में प्रेम था, राजा-प्रजा में प्रेम था, सास-बहू में प्रेम था और मालिक-सेवक में प्रेम था, तो उजड़ी हुई अयोध्या फिर से बस गई. कुमति थी लंका में... एक भाई ने दूसरे भाई को लात मारकर निकाल दिया. कुमति और अनीति के कारण सोने की
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रावण द्वारा सीता हरण करके श्रीलंका जाते समय पुष्पक विमान का मार्ग क्या था?
उस मार्ग में कौनसा वैज्ञानिक रहस्य छुपा हुआ है?
उस मार्ग के बारे में हज़ारो साल पहले कैसे जानकारी थी?

पढ़िए इन प्रश्नों के उत्तर*
रावण ने माँ सीता जी का अपहरण पंचवटी (नासिक, महाराष्ट्र) से किया और
पुष्पक विमान द्वारा हम्पी (कर्नाटक), लेपक्षी (आँध्रप्रदेश) होते हुए श्रीलंका पहुंचा।
आश्चर्य होता है जब हम आधुनिक तकनीक से देखते हैं कि नासिक, हम्पी, लेपक्षी और श्रीलंका बिलकुल एक सीधी लाइन में हैं.
अर्थात ये पंचवटी से श्रीलंका जाने का सबसे छोटा रास्ता है।
अब आप ये सोचिए उस समय
Google Map नहीं था जो Shortest Way बता देता. फिर कैसे उस समय ये पता किया गया कि सबसे छोटा और सीधा मार्ग कौनसा है?
या अगर भारत विरोधियों के अहम् संतुष्टि के लिए मान भी लें कि चलो रामायण केवल एक महाकाव्य है जो महर्षि वाल्मीकि महाराज जी ने लिखा तो फिर ये बताओ कि उस ज़माने में
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16. Dhams of Maa Mahalakshmi,

1. Shree Ambabai Mahalakshmi Mandir, Kolhapur, Maharashtra

@LostTemple7
2. Shree Mahalaxmi Mandir,
Pune, Maharashtra Image
3. Sri Mahalakshmi Thayar sannidhi, Chengalpattu, Tamilnadu Image
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कुलदेवी देवता और पितृ का महत्व को जाने

आईए आज इस अहम विषय को समझे और जाने जो आज के आधुनिकता में लोग भूलते जा रहे हैं और काल का ग्रास बनकर घोर विपत्तियों में फंसे हुवे हैं।

हमारे पूर्वजों ने सदैव अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर अपने कुलदेवी देवता और पित्रों का सम्मान किया और
कुलदेवी को घर में स्थापित कर सदैव सम्मान दिया जो परंपरा वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी चलते आया।पर आधुनिकता से वशीभूत होकर आज की पीढ़ियों को अपना कुल देवी कौन है ?पता ही नही!

कुल देवी ही है जो सबसे पहले आपके ऊपर आने वाले संकटो से पूरे परिवार की रक्षा करते हैं और हमारे पूर्वज पितृ के
ऊर्जा के रूप में उनका आशीर्वाद सदैव हमारे साथ रहता है।अगर कही कुलदेवी और पितृ के कृपा से वंचित हो जाते हैं तो परिवार में कुछ न कुछ समस्याएं सदैव घेरे रहते हैं नकरात्मकता का भाव पैदा होता है। राह चलते तंत्रों का शिकार हो जाते हैं।
फिर समस्याओं से निजात पाने के लिए भटकते रहते हैं।
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चौरासी लाख योनियों का रहस्य...

हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित ८४००००० योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा। हम जिस मनुष्य योनि में जी रहे हैं वो भी उन चौरासी लाख योनियों में से एक है। अब समस्या ये है कि कई लोग ये नहीं समझ पाते कि वास्तव में इन
योनियों का अर्थ क्या है? ये देख कर और भी दुःख होता है कि आज की पढ़ी-लिखी नई पीढ़ी इस बात पर व्यंग करती और हँसती है कि इतनी सारी योनियाँ कैसे हो सकती है। कदाचित अपने सीमित ज्ञान के कारण वे इसे ठीक से समझ नहीं पाते। गरुड़ पुराण में योनियों का विस्तार से वर्णन दिया गया है।
तो आइये आज इसे समझने का प्रयत्न करते हैं।

सबसे पहले ये प्रश्न आता है कि क्या एक जीव के लिए ये संभव है कि वो इतने सारे योनियों में जन्म ले सके? तो उत्तर है, हाँ। एक जीव, जिसे हम आत्मा भी कहते हैं, इन ८४००००० योनियों में भटकती रहती है। अर्थात मृत्यु के पश्चात वो इन्ही
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समयसूचक AM और PM का उदगम
भारत ही था।
पर हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है :
AM : एंटी मेरिडियन (ante meridian)
PM : पोस्ट मेरिडियन (post meridian)
एंटी यानि पहले, लेकिन किसके?
पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके?
यह कभी साफ नहीं किया गया, क्योंकि यह चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था।
अध्ययन करने से ज्ञात हुआ और हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा ने इस संशय को अपनी आंधियों में उड़ा दिया और अब, सब कुछ साफ-साफ दृष्टिगत है।
कैसे?
देखिये...
AM = आरोहनम् मार्तण्डस्य Aarohanam Martandasya
PM = पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasya
----------------------------
सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसीको गौण कर दिया। अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस 'मतलब' को नहीं इंगित करते जो कि वास्तव में है।
आरोहणम् मार्तण्डस्य Arohanam Martandasaya यानि सूर्य का आरोहण
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