भोपाल : 2-3 सन 1984 दिसम्बर की कड़कड़ाती रात थी वो,अजीब सी खामोशी छायी हुई थी।
ये वक्त था यूनियन कार्बाइड में नीचे टैंक संख्या ई 610 में साफ सफाई के लिये मजदूर उतरे।
अचानक वहां का तापमान 200° हो गया गैस का तापमान 4.5° हो गया जो 20° होना चाहिए था।
अंग्रेजी मैनुअल, बचाव सम्बधी उपकरण के खराब होने और न ही कोई ट्रेनिंग के अभाव के कारण गैस रिसाव होना शुरू हो गया।
सरकारी आंकड़ों में 3720 ही मृत्यु हुईं जो इस झूठ को छिपाने में नाकाफी रहीं।
7 दिसम्बर कम्पनी सीइओ वारेन एंडरसन को भारत बुलाया गया ततपश्चात 6 घण्टे बाद ही उन्हें मामूली से 2100 $ के जुर्माने के बाद छोड़ दिया गया
पत्रकारों को जवाब देते समय ये कहा गया कि हमें ऊपर से आदेश आया था.." आप समझ ही गये होंगे"
एक सवाल कांग्रेस से
- क्या लोगों की लाशों से सौदा करना ठीक था।
- क्या ये सच इस समय @RahulGandhi #RahulGandhi जानते हैं
इस "सच" को जानना आज की पीढ़ी को जरूरी है।
बस इतना ही...अगली बार इंदिरा गांधी की मृत्यु का #सच #sach