अतः है कुकुरमुत्तों हो सके तो अपने गांजे दारू चरस सैफई डांस रीचार्ज जैसे फालतू खर्चो से पैसे बचाकर किसी गरीब को देने की कोशिश करो पर बदले में जहर भरने की शर्त के बिना।
तुम्हे बर्बाद होता पैसा दिल्ली की लेज़र लाइट दीवाली उत्सव, सैफई नंगा नाच, बर्बर टीपू जयंति जैसे जगह पर मुह में दही जम जाता है
न गरीब के पल्ले पड़ता और न कुछ हासिल ही होता सिवाए ये दिखाने के की हम सेक्युलर हैं
अतः गटर में लोटते सुवरो से निवेदन है कि एक दियो में 2 रु का तेल आता है जिसमे दिया बनाने वाले से लेकर, किसान की ऊन तक का दाम दिया जाता ह।
भगवान खुद बिक जाते है बाजार में गरीब का पेट भरने के लिए ,वही पर शान में गुस्ताख़ी पर गर्दन कट जाती है कुकुरमुत्तों।
#सनातन_ही_सत्य_है