कांग्रेस के महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह की सरकार में, लालू की लड़की मीसा दिल्ली में एक ही कमरे में 21 कंपनियाँ चलाती थी।
सिर्फ कागजों पर 6000 करोड़ की मालकिन बन गई।
तब देश में अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत थी,
जब मनमोहन ने अटल जी से देश का चार्ज लिया,
तब देश की GDP 8.4 % थी और जब उसने चार्ज छोड़ा तब GDP 4.2% । गुलामों को वो महान अर्थशास्त्री लगता है जो धृतराष्ट्र बना मुल्क लुटते देखता रहा, लुटवाता रहा।
GDP पर ज्ञान पेलने वाले बन्धुओं :-
पिछले 3 महीने से देश के 65% हिस्से में बाढ़ की स्थिति थी...!!!
कॉमन सेंस की बात है!!
पूरी दुनिया ये देख कर हैरान है कि विश्व-महाशक्ति चीन से हांगकांग नहीं संभल रहा
और भारत के कश्मीर में शांति है!!
किस-किस को याद है ??
जब मनमोहन सिंह ने एक साधु के कहने पर क़ि यहाँ 1000 टन सोना दबा हुआ है, खुदवाना शुरू कर दिया था ???
मूर्खता की हद... देखो!!
जिस धारा 370 के कारण SC का आदेश कश्मीर में लागू नहीं होता था...!!
उसी धारा को बहाल करने की याचिका SC ने स्वीकार कर ली।
है न, गजब न्याय प्रक्रिया ?
उसकी नीयत साफ है।
वो चोरों को उनकी गर्दन से पकड़ रहा है,
उनके हलक में हाथ डाल के लूट का पैसा वापस ला रहा है।
चिंतित न हों!!
रवीश और इस जैसे अन्य पाखंडी पत्तलकार और द वायर और इस जैसे अन्य बिकाऊ मीडिया के प्रौपेगैण्डा को समझें।
काली कमाई बंद हो जाने से लोगों की क्रय शक्ति घटी है।
जिस जमाने में एक प्रधानमंत्री ने कहा था " रुपये पेड़ पर नहीं उगते"...!!
उसी जमाने में उसका चहेता वित्त मंत्री गमलों में रुपये उगा रहा था...!!
चोरों-डकैतों की बनाई कुव्यवस्था से बाहर निकल एक ईमानदार, पारदर्शी व्यवस्था को अपना रहा है।
काले धन की पोषित अर्थव्यवस्था को ठोकर मार देश नये भारत के निर्माण की ओर अग्रसर है।