NRC का डेटा विप्रो के प्राइवेट क्लाउड सर्वर पर स्टोर किया गया।
सर्वर की पेमेंट renew नहीं हुई, तो विप्रो ने सर्वर access बंद कर दिया।
सर्वर access दोबारा देने के लिए पासवर्ड चाहिए।
जिस महिला अधिकारी के पास पासवर्ड था, वो नौकरी छोड़ चुकी है।1/n
वो महिला अधिकारी NIC मेल नहीं, gmail इस्तेमाल करती थी, जो भारत सरकार के कंट्रोल से बाहर है, इसलिए सरकार पासवर्ड रीसेट नहीं कर पा रही।
सम्भव है कि वो gmail अकाउंट नौकरी छोड़ने के साथ डिलीट कर दिया हो।2/n
अब सरकार ने उस महिला अधिकारी के ख़िलाफ़ FIR की है और साथ ही कहा है कि उसके gmail में संवेदनशील मेल हैं, जिनसे वो छेड़छाड़ न कर सके। 3/n
करोड़ों लोगों की नागरिकता के डेटा का पासवर्ड केवल एक महिला के पास क्यों था? कोई management & backup का प्रोटोकॉल क्यों नहीं था?
ये भी तो सम्भव है कि मृत्यु जैसी स्थिति से भी तो डेटा access ख़त्म हो सकता था? क्या किसी ने डेटा सिस्टम पर कोई काम नहीं किया था? 4/n
राष्ट्रीय महत्व और सुरक्षा के इस प्रोजेक्ट में NIC क्यों इस्तेमाल नहीं हो रहा था?
क्या cyber security के ख़तरों से भारत सरकार अनजान है?
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amarujala.com/india-news/nrc…
डेटा का backup कहाँ है?
विप्रो की पेमेंट का प्रोटोकॉल क्यों नहीं बना?
विप्रो की पेमेंट अक्तूबर में होनी थी।जनवरी तक उन्होंने इंतज़ार किया, फिर सर्वर बंद किया। गलती किसकी ?
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डेटा सुरक्षा प्रोटोकाल पुख़्ता नहीं होने से नागरिकता ही नहीं, आर्थिक सुरक्षा और पोलिटिकल प्रक्रिया की शुचिता भी ख़तरे में है।
ये वक़्त पर मिली चेतावनी है। 7/n